^देश में कृषि को प्रोत्साहन देने के लिये सरकार समय-समय पर ऐसी योजनाएँ चलती है, जिनका दीर्घावधिक प्रभाव पड़ता है। ये योजनाएँ अधिक निवेश, राज्यों को उनके बजट में कृषि को प्राथमिकता प्रदान करने के लिये प्रोत्साहन देने, महत्त्वपूर्ण खाद्य फसलों में आ रही बाधाओं को कम करने, नई कृषि तकनीक के उपयोग को प्रोत्साहन देने तथा खाद्यान्न उत्पादन के अलावा अन्य कृषि गतिविधियों को बढ़ावा देती हैं।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना भी ऐसी ही योजनाओं में से एक है| कृषक समुदाय को लाभ प्रदान करने के लिये कृषि मंत्रालय द्वारा राज्यों को कृषि तथा सहायक क्षेत्रों में और अधिक निवेश को प्रोत्साहन देने के लिये वित्त वर्ष 2007-08 के दौरान यह योजना शुरू की गई थी, ताकि कृषि में उत्पादकता तथा उत्पादन बढ़ाकर 4 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर प्राप्त की जा सके। इस योजना के तहत ज़िला तथा राज्य स्तर पर ऐसी कृषि योजनाएँ बनाई जाती हैं, जिनसे ऐसे बुनियादी ढाँचे का निर्माण हो सके जो आज के मौजूदा उत्पादन परिदृश्य में उच्च उत्पादन को प्राप्त करने के लिये उत्प्रेरक का काम कर सके। यह योजना खाद्य फसलों का समन्वित विकास, कृषि का मशीनीकरण, मृदा गुणवत्ता तथा उत्पादकता, बागवानी, पशुपालन, डेयरी तथा मत्स्य पालन और बाज़ार ढाँचे का विकास आदि गतिविधियों के लिये उपलब्ध है।
^^आरकेवीवाई का उददेश्य कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के समग्र विकास को सुनिश्चित करते हुए 12वीं योजना के दौरान वांछित वार्षिक वृद्वि दर को प्राप्त करना और उसको बनाए रखना है।
संक्षेप में योजना के मुख्य उददेश्य निम्नलिख़ित हैः-
^^स्रोत :http://rkvy.nic.in/static/download/pdf/RKVY_Guidelines-Hindi-2014.pdf जैसा था 24-06-2018 10:22:27PM को।
^स्रोत :http://www.drishtiias.com/hindi/pib-prs-articles/changes-in-the-national-agriculture-development-plan-name-speed जैसा था 29-06-2018 07:06:27PM को।